Nidhiscribbles
1 min readAug 15, 2021

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पिछले दो सालों में ये बात कुछ गहराई से जानी है,

दुनिया में कहीं भी रहें हम,

मगर ये दिल तो हिन्दुस्तानी है…

हर साल, 15 August का दिन ये याद दिलाता है,

रहें चाहे दुनिया के जिस कोने में भी,

मगर इस देश से जनम-जनमों का नाता है…

India अगर तकलीफ़ में हो,

तो हमारे मन को भी परेशानी है;

लेकिन Olympic जीते India अगर,

तो उसकी ख़ुशी हमें भी मनानी है…

मिलता तो सबकुछ है यहाँ,

पर अपने देश की बात कहाँ;

दोस्त तो यहाँ भी हैं,

पर घरवालों का साथ कहाँ…

परिवार वाले पूछते हैं,

Courier में क्या भिजवाएँ;

इस सवाल का जवाब इतना आसान नहीं,

क्या छोड़े, और क्या क्या मँगवाएँ…

खुश तो यहाँ भी हैं,

यहाँ किसी चीज़ की कमी नहीं;

पर यात्रा पे पाबन्दी की ये बात,

कुछ लम्बी हुई, इस बार कुछ जमीं नहीं…

अपने देश से दूर रहने की क़ीमत तो हमने भी चुकाई है,

इस 15 August को — ‘Freedom to travel’ की ऐहैमियत समझ में आई है…

पिछले दो सालों में ये बात कुछ गहराई से जानी है,

दुनिया में कहीं भी रहें हम,

मगर ये दिल तो हिन्दुस्तानी है…

- Just another NRI

August 15, 2021

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Nidhiscribbles

The Scorpion: Committed Discerning Determined Unforgiving